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61,780 अमीरों ने छोड़ा भारत 61,780 wealthy individuals left India



35% जीएसटी का नया स्लैब लाने का प्लान तैयार

क्या आपके बुरे दिन आने वाले हैं ?


स देश से 600 से अधिक अरबपति, लाखों छात्र और मजदूर देश छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं दिखता। पिछले 10 सालों में लगभग 70-80 लाख छात्र पढ़ाई के लिए विदेश गए। इस साल यह संख्या 85 लाख से ज्यादा हो गई। इसके अलावा, करीब 22 लाख मजदूर भी काम की तलाश में विदेश जा चुके हैं। सरकार की प्रतिक्रिया केवल यह रही कि जो लोग विदेश में कमा रहे हैं और देश में पैसा भेज रहे हैं, उस पर ज्यादा टैक्स लगा दिया। इससे सरकार की आय 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

 

अब सरकार जीएसटी और अन्य टैक्स के माध्यम से लोगों पर और बोझ डालने की तैयारी कर रही है। उदाहरण के लिए, 35% जीएसटी का नया स्लैब लाने की बात चल रही है, जिसमें शुरुआत में सिगरेट और कोल्ड ड्रिंक जैसे उत्पाद शामिल होंगे। धीरे-धीरे, आम आदमी की जरूरतों की चीजों को भी ऊंचे टैक्स स्लैब में डाला जाएगा। 

 

टैक्स का बढ़ता दबाव:
अरबपतियों और अमीर वर्ग के लोग देश छोड़ रहे हैं। इसका बड़ा कारण टैक्स है। उच्च टैक्स दरों और सरकारी नीतियों के कारण, पिछले 10 सालों में 61,780 अमीरों ने भारत छोड़ दिया। 

दूसरी तरफ, सरकार कॉर्पोरेट कंपनियों को रियायतें देती है। इसके बावजूद, आम जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ता जा रहा है। जीएसटी संग्रह भी लगातार बढ़ रहा है। 2023 में आठ महीने में सरकार ने 14.56 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह किया, जबकि लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये था। 

 

गरीब और मध्यम वर्ग पर असर:
जीएसटी बढ़ने का सीधा असर गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ता है। रोजमर्रा की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में जीएसटी संग्रह में भारी वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि लोगों की जेब से और ज्यादा पैसा निकाला जा रहा है, जबकि उनकी आय नहीं बढ़ी है। 

 

क्या सरकार के पास और विकल्प नहीं?
सरकार ने देश चलाने का मुख्य जरिया टैक्स को बना लिया है। हर जगह, हर माध्यम से टैक्स वसूली हो रही है। चाहे वह जीएसटी हो, इनकम टैक्स हो, या अन्य सेस। यह स्थिति चिंताजनक है। 

 

आखिरकार, सवाल यह उठता है कि क्या यह टैक्स प्रणाली देश के गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं के हित में है? या यह केवल अमीरों और कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है? 

 

सरकार को अब गंभीरता से सोचना चाहिए कि कैसे आम जनता की परेशानियों को कम किया जाए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि देश की प्रगति सभी वर्गों के लिए हो, न कि सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए।