APL से BPL हुए 1,18,499 परिवार, अधोगति की राह पर
5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को ध्वस्त कर रहे चंद्रपुर विकास के खोखले दावें
चंद्रपुर जिले में बीते अनेक वर्षों से विकास के सैंकड़ों दावें किये जा रहे हैं। लेकिन जब हमने विकास के दावों को गहराई से परखना शुरू किया तो अनेक सनसनीखेज जानकारियों से खोखले विकास के दावों का पर्दाफाश होने लगा। इस श्रृंखला में हमने गरीबी और सरकारी अनाज के वितरण व्यवस्था में पंजीबद्ध परिवारों के आंकड़ों पर रिसर्च किया तो अनेक चौंकने वाली जानकारियां उजागर हुई है। सरकारी आंकड़ें ही विकास के दावों की पोल खोल रही है। बीते 10 वर्षों से चंद्रपुर जिले में भाजपा की सत्ता रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने बतौर पालकमंत्री के रूप में जिले का नेतृत्व गत 8 वर्षों से कर रहे हैं। बावजूद जिले में 1 लाख 49 हजार 545 परिवार, BPL की सूची में बढ़ गए। वहीं APL से BPL हुए परिवारों की संख्या 1 लाख 18 हजार 499 हो गई है। गरीबों के यह आंकड़े साफ तौर पर विकास नहीं, बल्कि अधोगति को दर्शा रहे हैं। जबकि यही भाजपा हर समय कभी 7 तो कभी 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य का नारा लगाती हुई दिखाई देती है। चंद्रपुर विकास के खोखले दावें यहां ध्वस्त होते दिखाई पड़ रहे हैं, जो चिंता का विषय बने हुए है।
यह हैं बुरे हालात चंद्रपुर जिले में
प्रशासनीक आंकड़ों का अध्ययन करने पर हमें पता चलता है कि वर्ष 2013 में चंद्रपुर जिले में 1479 सरकारी राशन दुकानें हुआ थी। इनमें से 67 दुकानों को विभिन्न कारणों से निलंबित किया गया था। वर्तमान में जिले में 1534 सरकारी राशन दुकानें हैं। अर्थात सरकारी राशन दुकानों की आवश्यकता बढ़ गई है। मतलब गरीब परिवारों की संख्या बढ़ी तो सरकार को दुकानों की भी संख्या बढ़ानी पड़ी। वर्ष 2013 में अंत्योदय अन्न योजना में 126112 परिवार थे। गरीबी रेखा के नीचे(BPL) परिवारों की संख्या 1,07,455 थीं। वहीं गरीबी रेखा के ऊपर(APL) 1,78,499 हुआ करते थे। वर्ष 2020 आते-आते जिले में 1534 सरकारी राशन दुकानें उपलब्ध करानी पड़ी। गरीबी रेखा के नीचे(BPL) 2 लाख 57 हजार परिवार आ गए। मतलब यहां 1 लाख 49 हजार 545 परिवार BPL की सूची में बढ़ गए। अंत्योदय अन्न योजना में 1.38 परिवार आ गए। गरीबी रेखा के ऊपर वाले 48 हजार परिवार हो गए। वर्ष 2023 में गरीबी रेखा के नीचे(BPL) के परिवारों का आंकड़ा प्रशासन ने दर्शाने की कोशिश नहीं की। जबकि अंत्योदय अन्न योजना में 1.39 लाख परिवार शामिल हो गए। प्राधान्य कुटुंब योजना में 2.74 लाख परिवार हैं। गरीबी रेखा के ऊपर 60 हजार परिवार आ गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि चंद्रपुर जिले में गरीबी बढ़ने के चलते बीते 10 सालों में 55 सरकारी राशन दुकानें बढ़ी हैं। गरीबी रेखा के नीचे(BPL) वाले 1,49,545 परिवार बढ़ गए। 12,888 परिवार अंत्योदय अन्न योजना में बढ़ गए। 1,18,499 परिवार गरीबी रेखा के उपर(APL) से सीधे नीचे में आ गए। कुल मिलाकर चंद्रपुर जिले में गरीबी व गरीबों की संख्या बढ़ी ही है।
देश के 130 में से 80 करोड़ लोग गरीब
भाजपा नेता समय-समय पर 80 करोड़ गरीबों को सरकारी राशन उपलब्ध कराने के दावे को अपनी कामयाबी बताती रही हैं। लेकिन यही कामयाबी के दावें, देश के विकास और गरीबी के हालातों की पोल खोलती है। वर्ष 2014 में सरकार ने ग्रामीण इलाकों के लिए 32 रुपये प्रतिदिन और शहरों के लिए 47 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गरीबी रेखा तय की थी। गरीबी मापने के तेंदुलकर फॉर्म्युले के अनुसार देश की 22 प्रतिशत आबादी गरीब है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्थानीय भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार विकास के बड़े-बड़े और खोखले दावें करने से नहीं कतराते।
5 ट्रिलियन इकोनॉमी का राग अलापते भाजपा नेता
बीपीएल, जिसका अर्थ होता है गरीबी रेखा से नीचे। भारत सरकार द्वारा उन व्यक्तियों या परिवारों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक बेंचमार्क है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और उन्हें सबसे अधिक मदद की आवश्यकता है। इनके लिए सरकार की ओर से 5 किलो सरकारी राशन मुहैया कराया जाता है। गरीबी के चलते बीते 10 सालों में तेजी से चंद्रपुर जिले के आंकड़ों में वृद्धि हुई है। इसके बावजूद भाजपा के नेताओं की ओर से कभी 7 तो कभी 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का राग अलापा जाता है।
भाजपा नेताओं के ट्रिलियनों के नारे चंद्रपुर में फेल
वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने की भारत की क्षमता का संकेत भाजपा देती है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने कहा था कि अगले 3 साल में 5 लाख करोड़ डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। सतत सुधारों से यह वर्ष 2030 तक 7 लाख करोड़ डॉलर (7 ट्रिलियन डॉलर) का आंकड़ा भी छू लेगा। 10 साल पहले भारत 1.9 लाख करोड़ डॉलर के GDP के साथ दुनिया की 10वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था। भारत वित्त वर्ष 2023-24 में 3.7 लाख करोड़ डॉलर की अनुमानित GDP के साथ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। इन घोषणाओं के बीच चंद्रपुर जिले में न तो प्रति व्यक्ति सकल आय में कोई बढ़ोतरी हुई है और न ही गरीबों के आंकड़ों में कोई कमी आयी है। इसके विपरीत जिले में प्रति व्यक्ति सकल आय महाराष्ट्र की तुलना में औसत से काफी कम हो गया है। यह तमाम सरकारी आंकड़े चंद्रपुर जिलावासियों के लिए चिंता व चिंतन का विषय है।