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Women's Day : ढहा दिया ‘चंद्रपुर भूषण’ का आशियाना


33 वर्षों से एथलेटिक्स व पॉवरलिफ्टिंग में बढ़ाई थी शान

चंद्रपुर भूषण रही महिला कर्मी के रिटायर्ड होते ही निर्दयी प्रशासन ने चला दी जेसीबी, पीड़िता घायल

@चंद्रपुर
कल अर्थात 8 मार्च को पुरी दुनिया विश्व महिला दिवस बड़े ही धूमधाम से मनायेगी। अर्थात वेकोलि प्रशासन के गलियारों में भी महिला दिवस का बखान किया जाएगा। लेकिन हैरत की बात है कि यही वेकोलि प्रशासन महिला दिवस के मुहाने पर अपने ही कोल इंडिया की स्ट्रांग वूमेन का खिताब जीत चुकी एक महिला कर्मचारी के रिटायर्ड होने के अगले ही दिन जेसीबी से उसके निवास स्थान अर्थात घुग्घुस के इंदिरा नगर में स्थित क्वार्टर पर पहुंच गया और उनके कंपाउंड व शेड को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई का विरोध करते समय पीड़ित महिला, उनके पति व उनकी बहन घायल हुई। जबकि इसी महिला ने बीते 33 वर्षों से एथलेटिक्स व पॉवरलिफ्टिंग में वेकोलि की शान बढ़ाने का काम किया। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतकर अनेक मेडल हासिल किये। इन्हें चंद्रपुर भूषण नामक खिताब से भी नवाजा गया। परंतु निर्दयी वेकोलि प्रशासन ने रिटायर्डमेंट के अगले ही दिन इस वृद्ध महिला खिलाड़ी के निवास को तोड़ने की निर्मम हरकत की।

महाराष्ट्र केसरी पुत्री पर अन्याय

विश्व महिला दिवस के मुहाने पर यवतमाल निवासी महाराष्ट्र केसरी बब्बी पहलवान की पुत्री मालिनी जयराज पर वेकोलि प्रबंधन की ओर से घोर अन्याय हुआ है। उम्र के 60 साल तक वेकोलि वणी क्षेत्र के घुग्घुस काम्प्लेक्स के कार्यलय में ऑफिस सुप्रिडेंट के रूप में वे कार्यरत थीं। गत 29 फरवरी 2024 को वह सेवानिवृत्त हुई। अगले ही दिन अर्थात 1 मार्च को घुग्घुस वेकोलि प्रबंधन द्वारा उन्हें तुरंत इंदिरा नगर स्थित अपना आवास खाली करने का पत्र थमा दिया। 

 

जिनको दिलाया सम्मान, उन्होंने ही किया घायल

मालिनी जयराज नामक महिला खिलाड़ी बीते 33 वर्षों से वेकोलि में सेवारत रही। अपने नौकरी के दौरान उन्होंने वणी क्षेत्र के अलावा कोल इंडिया, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय के अनेक एथलेटिक्स - पाॅवरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अनेक चैंपियनशीप जीती। उन्होंने वेकोलि(WCL)  की शान बढ़ायी। परंतु 29 फरवरी को उनके रिटायर्ड होते ही कल बुधवार 6 मार्च 2024 की सुबह वेकोलि प्रशासन के 10 से 12 महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मियों के मौजूदगी में उनके निवास का कंपाउंड वॉल व शेड जेसीबी मशीन लगाकर ढहा दिया गया। इस दौरान मालिनी ने कार्रवाई का विरोध करना चाहा तो उन्हें गंभीर चोटें आई और वह बेहोश होकर गिर पड़ी। उनके पति और बड़ी बहन शालिनी को भी चोटें आई। मालिनी को वेकोलि के स्थानीय राजीव रतन अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

 


90 दिन भी वेकोलि को सब्र नहीं

आमतौर पर जब कोई वेकोलि कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो उनके निवास स्थान क्वार्टस को खाली करने के लिए 90 दिन की मियाद दी जाती है। ताकि वे व उनका परिवार इन दिनों में अपना ईपीएफ, ग्रैजूटी, पेंशन, बैंक आदि की प्रक्रिया पूर्ण कर अपने लिये धन इकठ्‌ठा कर नया ठिकाना खोज सकें। परंतु मालिनी जयराज के मामले में रिटायर्ड होते ही अगले ही दिन नोटिस थमाया गया। वेकोलि की शाम बढ़ाने वाली इस महिला खिलाड़ी के साथ प्रबंधन इतनी निर्ममता के साथ क्यों बर्ताव करने लगा, यह आश्चर्य की बात है। वेकोलि प्रबंधन के इस कठोर नीति की चारों ओर निंदा की जा रही हैं। 

मालिनी हैं चंद्रपुर भूषण

वेकोलि में 33 साल कार्यरत रहते हुए मालिनी जयराज ने
कोल इंडिया, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय के अनेक एथलेटिक्स - पाॅवरलिफ्टिंग प्रतियोगिताएं जीती। वही कोल इंडिया की स्ट्रांग वूमेन का खिताब पा चुकी है। उनकी इन उपलब्धियों व हौसलों को देखते हुए जिले में पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उन्हें चंद्रपुर भूषण नामक खिताब से सम्मानित किया था। लेकिन आज ऐन विश्व महिला दिवस के मुहाने पर इस स्ट्रांग वूमेन पर वेकोलि प्रबंधन ने घोर अन्याय कर दिया है। इसकी सर्वत्र चर्चा व आलोचना हो रही है।