8 वर्ष से जारी पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के प्रयास विफल
देश
के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के पूर्व सत्ता में आने के पहले हर साल
2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। इस परिपेक्ष्य में हमने चंद्रपुर
जिले में रोजगार के मसले पर समीक्षा की तो बेहद चौंकाने वाले आंकड़े मिले। यहां
बीते 10 वर्षों में 63 हजार 199 सुशिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। जबकि वर्ष
2013 के मुकाबले में 63.30 प्रतिशत से रोजगार मिलने के दर में कटौती आयी है। जबकि
चंद्रपुर जिले की कमान भाजपा के वरिष्ठ नेता व जिले के पालकमंत्री सुधीर
मुनगंटीवार के हाथों में बीते 8 वर्षों से रही है। हैरत की बात है कि हमेशा
प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने वाले मुनगंटीवार रोजगार के क्षेत्र में नरेंद्र
मोदी के सपने को साकार करने में विफल साबित हुए है।
भारत में जिलों की कुल संख्या 797 हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषणा के अनुसार देश को हर साल 2 करोड़ रोजगार मिलना चाहिये था। इस लिहाज से हर साल चंद्रपुर जिले के हिस्से में 25,094 रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने चाहिये थे। यदि 2014 से अब तक अर्थात बीते 10 सालों का हिसाब लगाया जाएं तो यहां के निवासियों के लिए कुल 2 लाख 50 हजार 941 नये रोजगार प्राप्त होने चाहिये थे। परंतु बड़े दुख व खेद की बात है कि चंद्रपुर जिला रोजगार पाने के क्षेत्र में अग्रसर होने के बजाय अधोगति में जाता हुआ दिखाई पड़ रहा है।
कामगार के क्षेत्र में चंद्रपुर जिले की स्थिति
वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार चंद्रपुर जिले की कुल जनसंख्या 22 लाख 4 हजार 307 है। इनमें 11,23,834 पुरुष तथा 10,80,473 महिलाएं हैं। काम करने वालों की संख्या 10,58,172 हैं, जो कुल जनसंख्या में से 48 प्रतिशत है। इन काम करने वालों में 20.9 प्रतिशत किसान, 44.8 प्रतिशत खेती मजदूर हैं। 2 प्रतिशत लोग घरेलु उद्योग, वस्तु निर्माण प्रक्रिया, सेवा-सुधार में लगे हैं। वहीं 32.3 प्रतिशत लोग अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं। जिले के विभिन्न उद्योगों में वर्तमान में कुल 35,362 कामगार हैं। इनमें से 17,544 तो दुकानों में, 15,045 व्यापारी संस्थानों में, 2,569 होटल व उपहारगृह में 61 लोग टॉकिज में तथा अन्य 143 में कार्यरत हैं।
प्रशासनीक रिपोर्ट ही खोल रही पोल
जिला कौशल्य विकास, रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शक केंद्र के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में 5,256 उम्मीदवारों ने रोजगार पाने के लिए अपना पंजीयन कराया है। वर्ष 2023 के अंत तक पंजीयन सूची में कुल 1,45,674 बेरोजगार युवाओं के नाम दर्ज किये गये हैं। इनमें से केवल 1116 उम्मीदवारों को ही रोजगार प्राप्त हो पाया है। वर्ष 2022-23 की तुलना में रोजगार पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी आने की जानकारी का दावा स्वयं प्रशासनीक रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट से सरकारी दावों की पोल खुलने लगी है।
मुनगंटीवार के नेतृत्व में क्यों घट रहा रोजगार ?
वर्ष 2023 के प्रशासनीक रिपोर्ट की तुलना जब हम वर्ष 2013 से करें तो हमें ज्ञात होता है कि वर्ष 2013 में 14,760 शिक्षित बेरोजगारों ने रोजगार पाने के लिए अपना पंजीयन कराया था। वहीं वर्ष 2023 में 5,256 बेरोजगारों ने पंजीयन कराया। कहा जाता है कि रोजगार पंजीयन कार्यालय से रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में अधिकांश युवा अब अपना पंजीयन नहीं करा रहे है। लेकिन जैसे ही हम रोजगार पाने के आंकड़ों पर गौर करते हैं तो हमको आश्चर्य का धक्का लग जाता है। जब वर्ष 2013 में चंद्रपुर जिले में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 82,475 थीं, वहीं यह संख्या वर्ष 2023 में बढ़कर 1,45,674 तक पहुंच गई है। हैरत की बात है कि वर्ष 2013 में जिले के जहां 1763 शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिला, वहीं वर्ष 2023 में यह संख्या घटकर 1116 पर पहुंच गई है। अर्थात बीते 10 सालों में 63.30 % से रोजगार घट गया है। जबकि इन्हीं 10 में से 8 वर्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता व चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की यहां सत्ता रही है। रोजगार बढ़ने के बजाय घटता क्यों जा रहा है, यह सवाल जिले की जनता अब पूछने लगी है।