■ इलेक्टोरल बॉन्ड में इतनी बड़ी धनराशि क्यों दी गई ?
@चंद्रपुर
इलेक्टोरल
बॉन्ड को लेकर राजनीतिक दल आमने-सामने हैं। राजनीतिक दलों को मिले चंदे में
चंद्रपुर के कनेक्शन वाली 2 खबरें गत दिनों प्रसारित की गई थी। इनमें 7 करोड़ के इलेक्टोरल
बॉन्ड देने वाले वरोरा-चंद्रपुर-बल्लारपुर टोलरोड लिमिटेड नामक कंपनी और 5 करोड़ देने
वाली स्वामी फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड की जानकारी उजागर की गई थी। अब एक सबसे
चौंकाने वाली सूचना मिली है। चंद्रपुर के ताड़ाली गांव के पास स्थित धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर
लिमिटेड (डीआईएल) नामक कंपनी की ओर से 7 किश्तों में एक-एक करोड़ के कुल 115 करोड़
रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गये। जबकि इसी कंपनी ने गत वर्ष उनके कोयला आधारित
थर्मल पावर प्लांट परिसर में खेती से बर्बाद हुए 28 किसानों को महज 62 लाख 36 हजार
रुपये देने में काफी आनाकानी की थी। अब जब देश में इलेक्टोरल बॉन्ड का भांडा फूट
चुका है तो इतनी बड़ी धनराशि राजनीतिक दलों के जेबों तक पहुंचाने की कारगुजारी करने
वाले मास्टरमाइंट को लेकर सवाल उठना लाजिम है।
कब-कब
कितने करोड़ दिया धारीवाल ने ?चुनाव
आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कुल
7 किश्तों में 115 करोड़ रुपयों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं। यह बॉन्ड उन्होंने 7
जुलाई 2021 को 10 करोड़, 5 जनवरी 2022 को 10 करोड़, 6 अक्तूबर 2022 को 25 करोड़, 21
जनवरी 2023 को 25 करोड़, 5 अप्रैल 2023 को 15 करोड़, 10 जुलाई 2023 को 15 करोड़, 6
अक्तूबर 2023 को 15 करोड़ रुपये के खरीदे। उक्त सभी बॉन्ड एक-एक करोड़ के खरीदे गये।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज सूची के अनुसार भाजपा को
1-1 करोड़ कीमत वाले कुल 5854 बाॅन्ड मिले हैं।
कौन-कौन
हैं धारीवाल के निदेशक ?
धारीवाल
इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक कंपनी ताड़ाली में कोयले से 2x300 मेगावाट बिजली का
उत्पादन करती है। यह थर्मल पावर प्लांट CESC लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक
कंपनी है, जो आरपी-संजीव गोयनका (RP-SG) समूह की प्रमुख बिजली परियोजना है। धारीवाल
कंपनी के प्रमुख निदेशकों में रबी चौधरी, राजेंद्र झा, सुब्रत तालुकदार, विनोद
कुमार, मैत्रेय सेन तथा भास्कर कुमार गांगुले का समावेश हैं।
प्रशासन
की रिपोर्ट में धारीवाल “पानी चोर” ज्ञात हो कि धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ताड़ाली
बिजली प्लांट परिसर में मौजूद इरई नदी से पानी चोरी करने का मामला दिसंबर 2022 के
दौरान उजागर हुआ था। प्रशासन की जांच रिपोर्ट में भी इसे पानी चोर घोषित किया गया
था।
कब-कब
कितने करोड़ दिया धारीवाल ने ?
चुनाव
आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कुल
7 किश्तों में 115 करोड़ रुपयों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं। यह बॉन्ड उन्होंने 7
जुलाई 2021 को 10 करोड़, 5 जनवरी 2022 को 10 करोड़, 6 अक्तूबर 2022 को 25 करोड़, 21
जनवरी 2023 को 25 करोड़, 5 अप्रैल 2023 को 15 करोड़, 10 जुलाई 2023 को 15 करोड़, 6
अक्तूबर 2023 को 15 करोड़ रुपये के खरीदे। उक्त सभी बॉन्ड एक-एक करोड़ के खरीदे गये।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज सूची के अनुसार भाजपा को
1-1 करोड़ कीमत वाले कुल 5854 बाॅन्ड मिले हैं।
प्रशासन
की रिपोर्ट में धारीवाल “पानी चोर”
ज्ञात हो कि धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ताड़ाली
बिजली प्लांट परिसर में मौजूद इरई नदी से पानी चोरी करने का मामला दिसंबर 2022 के
दौरान उजागर हुआ था। प्रशासन की जांच रिपोर्ट में भी इसे पानी चोर घोषित किया गया
था।
28
किसानों की 300 एकड़ भूमि का 62.36 लाख के मुआवजे पर धारीवाल की आनाकानी
दिसंबर माह के शुरुआत में 28 किसानों की
फसलों को क्षति पहुंचने व पानी चोरी को लेकर भूमिधारकों व चंद नेताओं ने आवाज
बूलंद की थी। 300 एकड़ फसल बर्बाद होने की शिकायतें दी गई थी। जलभराव व अन्य कारणों
के चलते इन पीड़ित किसानों को 62.36
लाख रुपयों का मुआवजा देने संबंधित रिपोर्ट व पेशकश प्रशासन ने की थी। तब धारीवाल
कंपनी ने मुआवजा देने में आनाकानी की थी। उसके बाद आगे क्या कार्यवाही की गई, इसकी
जानकारी सार्वजनिक नहीं है। ऐसे में मौजूदा दौर में 115 करोड़ रुपये नेताओं को
धारीवाल की ओर से दान किये जाने पर अनेक सवाल उठने लगे हैं।