■ अब राजू झोड़े व राजू कुडे ने उठाये सवाल
■ विधायक जोरगेवार का दावा – जंगलों के रक्षणकर्ताओं को ताड़ोबा सफारी में
सहूलियत नहीं
@चंद्रपुर
ऐन
परीक्षाओं के दिनों में चंद्रपुर जिले में गत अनेक दिनों से आयोजित हो रहे विविध
स्पर्धाओं एवं महोत्सवों को लेकर जनता सर्वत्र सवाल उठाने लगी है। कांग्रेस,
शिवसेना, राकांपा को छोड़ अन्य दलों के नेताओं ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
करीब 9 करोड़ रुपयों की लागत से संपन्न होने जा रहे 1 से 3 मार्च 2024 के ताड़ोबा
महोत्सव पर राजनीति गरमा रही है। करोड़ों की निधि की बर्बादी को लेकर जनता भी
प्रश्न पूछने लगी है। विधायक किशोर जोरगेवार ने पूर्व में ही वन विभाग के अफसरों
को सूचना देते हुए ताड़ोबा को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करने वाले फोटोग्राफर,
पत्रकार व वनसेवकों का सम्मान करने की मांग रखी थी। पश्चात जनविकास सेना के
संस्थापक अध्यक्ष पप्पू देशमुख ने जिला प्रशासन के अधिकारियों की उत्सवों में
व्यस्तता पर सवाल उठाते हुए जनता की समस्याओं पर ध्यान देने की अपील की।
अब ताड़ोबा महोत्सव के आयोजन को लेकर उलगुलान संगठन के अध्यक्ष राजू झोडे ने आरोप लगाया है कि जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार यह जनता के पैसों की बर्बादी करने में मग्न हैं। वहीं दूसरी ओर जिले के नागरिक अनेक समस्याओं से त्रस्त हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के नेता राजू कुडे ने स्कूलों के विद्यार्थियों की समस्याओं को उठाते हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा करोड़ों के महोत्सव व्यस्त होने की बात कही है। गत शनिवार 2 मार्च को ताड़ोबा महोत्सव के मंच पर विधायक किशोर जोरगेवार ने वन्य प्राणियों तथा जंगलों का संरक्षण करने वाले स्थानीय लोगों को ताड़ोबा सफारी का आनंद उठाने से वंचित रहने की बात कहकर एक नये विवाद को छेड़ दिया है।
जंगलों के रक्षक ही उपेक्षित : जोरगेवार
विधायक किशोर जोरगेवार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ताड़ोबा सफारी के महंगे दरों को देखते हुए स्थानीय नागरिक इससे उपेक्षित हो रहे हैं। बाघों, वन्य जीवों व जंगलों की रक्षा करने वाले स्थानीय लोगों को ही ताड़ोबा का आनंद नहीं मिल पा रहा है। इसलिए स्थानीय लोगों को सफारी में सहूलियत दी जाये। यह मांग उन्होंने महोत्सव के दूसरे दिन बतौर अतिथि पेश की। इस दौरान मंच पर वन मंत्री एवं जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार, जिलाधिकारी विनय गौडा, पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन आदि मौजूद थे।