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ताड़ोबा महोत्सव बना नेताओं का अखाड़ा

विधायक जोरगेवार व पूर्व पार्षद देशमुख ने घेरा

3 दिन फूंके जा रहे 9 करोड़ पर सोशल मीडिया सक्रिय

@चंद्रपुर
करीब 9 करोड़ की लागत से ताड़ोबा महोत्सव 1 से 3 मार्च के दौरान आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर अब राजनीतिक द्वंद भी शुरू हो गया है। महोत्सव के इस अखाड़े में स्थानीय विधायक किशोर जोरगेवार एवं पूर्व पार्षद पप्पू देशमुख ने अपने-अपने सवाल उठाते हुए अनेक मांगें रखी। इधर, सोशल मीडिया भी सक्रिय है। कोई तारीफों के पुल बांधने लगा है तो कोई महोत्सव की आलोचन में इसे जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी बता रहा है। कोई इसे आगामी चुनावों में वोट बटारने का स्टंट करार दे रहा है। बहरहाल जोरगेवार व देशमुख की ओर से जारी किये गये विज्ञप्तियों से इस महोत्सव में खटास घूलती नजर आ रही है। 

जिनका योगदान, उनका हो सम्मान – जोरगेवार

विधायक किशोर जोरगेवार की ओर से जारी किये गये प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि ताड़ोबा को विश्व स्तर पर पहुंचाने वाले लोगों को महोत्सव में सम्मानित किया जाये। इस संदर्भ में उन्होंने ताड़ोबा-अंधारी परियोजना के क्षेत्र संचालक डा. जितेंद्र रामगावकर को सूचनाएं दी। ताड़ोबा को विश्व स्तर पर पहुंचाने में फोटोग्राफर, पत्रकार, वन्यजीव संरक्षण संस्थाएं, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, जंगलों का संरक्षण करने वाले स्थानीय नागरिकों का बड़ा योगदान रहा है। इसलिए उक्त महोत्सव में उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिये। 

बहुत हुए उत्सव, अब कीजिये जनता के काम – देशमुख

पूर्व पार्षद एवं जनविकास सेना के संस्थापक अध्यक्ष पप्पू देशमुख ने जिला प्रशासन के आला अफसरों की खिंचाई करते हुए उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा हैं। इस ज्ञापन में देशमुख ने जिलाधिकारी से कहा है कि जिले के नेताओं में स्पर्धा एवं उत्सव मनाने की होड़ मची है। प्रशासन के सभी अधिकारी व कर्मचारियों के इन आयोजनों में व्यस्त रखा जा रहा है। इसके चलते जनता के जरूरी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिले में अनेक समस्याएं गंभीर है। अपितु उत्सव बहुत हुए अब जनता के कामों पर अधिक समय खर्च किया जाएं। 1 मार्च की सुबह जिलाधिकारी विनय गौडा से भेंट कर देशमुख ने अपनी भावनाएं व्यक्त की।

घोटालों पर कार्रवाई नहीं करता प्रशासन

पप्पू देशमुख ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन प्रशासन द्वारा घोटालों पर उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। मनपा ने गत 7 वर्षों में 250 करोड़ रुपये अमृत योजना पर खर्च किये, लेकिन जनता को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा। सर्वत्र गंदगी और दूषित जलनिकासी की समस्या है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। सड़कों पर जहां-तहां गड्‌ढे हैं। वायु प्रदूषण चरम पर है। सरकारी अस्पताल बदहाल है। प्रकल्पग्रस्त, किसान, बेरोजगार आदि समस्याएं जस के तस हैं। जनता की समस्याओं व मांगों पर राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, नागरिकों द्वारा लगातार शिकायत देने पर भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती। 

जनता त्रस्त, जनप्रतिनिधि व प्रशासन उत्सवों में व्यस्त

एक ओर जनता गंभीर समस्याओं से जूझ रही है, वहीं दूसरी ओर जिले के जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन उत्सवों में अधिक व्यस्त नजर आते हैं। इसके चलते जनता में प्रशासन तथा सरकार के खिलाफ तीव्र रोष पनप रहा है। मनोरंजन के नाम पर  उत्सवों व क्रीड़ा स्पर्धांओं के आयोजनों की भरमार हो रही है। चंद्रपुर मनपा व जिला प्रशासन अनेक करोड़ रुपये बेवजह खर्च कर रहे हैं। सरकारी निधि की लूट मची है। जनता को गुमराह किया जा रहा है। यह दावा देशमुख ने किया है।

चर्चा है कि..

ताड़ोबा महोत्सव को लेकर अनेक चर्चाएं गरमा रही है। ताड़ोबा का बजट न तो जनप्रतिनिधियों ने सार्वजनिक किया और न ही प्रशासन के अफसरों ने बताया। जब एक पत्रकार ने जिला प्रशासन के पत्रपरिषद में बजट को लेकर सवाल पूछा तो आला अफसर सकपका गये। अंतत: 9 करोड़ की निधि का आंकड़ा उजागर हुआ। इधर, सोशल मीडिया पर जागरूक नागरिक महोत्सव पर खर्च किये जा रहे करोड़ों की निधि को लेकर अनेक सवाल उठा रहे हैं। वहीं महोत्सव के आयोजन के पहले दिन अधिकांश दर्शकों को पासेस नहीं मिलने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चर्चा है कि भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के पास उक्त पासेस होने एवं करीबियों को बांटे जाने की चर्चा है। 

सरकारी महोत्सव में जिले के विधायक नदारद

ताड़ोबा महोत्सव सरकार की करोड़ों की निधि एवं प्रशासन के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। लेकिन जिले के तमाम विधायक, जनप्रतिनिधि इस महोत्सव के उद्धाटन समारोह में नजर नहीं आये। इसके चलते यह महोत्सव केवल भाजपा संचालित होने की चर्चा जनता में चल रही है।