■ वर्ष 1925 के अधिनियम की
चोंट झेल रहे “बापू”
■ न तो सांसद धानोरकर कुछ कर
पाएं और न ही कांग्रेस
@चंद्रपुर
कांग्रेस के सुप्रसिद्ध
नेता “बापू” की मालकियत की जमीन अब विवादों के घेरे में फंस गई है। इससे संबंधित
एक शिकायत गत 23 फरवरी 2023 को चंद्रपुर के शहर पुलिस थाने में पहुंचा और “बापू”
के खिलाफ अपराध दर्ज करने की शिकायत दी गई। यह शिकायत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
विभाग के उपमंडल चंद्रपुर के संरक्षक सहायक ने दी। इसके चलते कांग्रेस में “बापू”
के चहेतों में खलबली मच गई है।
कौन हैं चंद्रपुर कांग्रेस
के प्रसिद्ध नेता “बापू”
चंद्रपुर कांग्रेस में
वरिष्ठ नेता के रूप में तथा “बापू” के नाम से मशहूर सच्चे कांग्रेसी कहे जाने वाले
यह शख्स रहमत नगर निवासी हैं। वे पूर्व नगरसेवक एवं पूर्व सभापति रह चुके हैं।
मोहमंद हुसेन अंसारी को कांग्रेस में “बापू” के तौर पर ही जाना जाता है। वे
कांग्रेस के अल्पसंख्यक सेल के जिला उपाध्यक्ष भी हैं।
“बापू” को अपनी ही जमीन पर
कंपाउंड बनाना क्यों महंगा पड़ा ?
“बापू” अर्थात मोहमंद हुसेन
अंसारी की पुश्तैनी जमीन पठानपुरा गेट के बाहर किले की दीवार से सटी है। इस जमीन
को संरक्षित करने के लिए “बापू” ने सीमेंट के पोल गाढ़कर सुरक्षा दीवार बनाना शुरू
किया। इस सुरक्षा दीवार के चलते बाहरी सीमेंट मार्ग से आवागमन करने वाले नागरिकों
को किले की दीवार व पुरातन वैभव का नजारा देखने में बाधा आने लगी। परिसर के किसी
नागरिक ने इसकी शिकायत पुरातत्व विभाग से कर दी। पुरातत्व विभाग ने “बापू” को
नोटिस थमाया, बावजूद “बापू” रुके नहीं, निर्माण कार्य जारी रखा, सुरक्षा दीवार बनाते
रहे। आखिरकार पुरातत्व विभाग के अफसर ने “बापू” के खिलाफ अपराध दर्ज करने की
शिकायत शहर पुलिस थाने में कर दी।
“बापू” जैसों के लिए कानून
क्या कहता है ?
चंद्रपुर के किले की दीवार
भारत सरकार की संरक्षित अधिसूचना क्रमांक –C-72AB358 दिनांक – 11 अप्रैल 1925 के तहत
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण संरक्षित स्मारक है। इस स्मारक से 100 मीटर की दूरी तक का
अंतर प्रतिबंधित माना गया है। वहीं 200 मीटर की दूरी तक विनियमित क्षेत्र करार
दिया गया है। अब यदि किसी की मालकियत की जमीन हो या न हो, या किंन्ही भी हालातों
में इस किले के प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य बगैर इजाजत अथवा
मंजूरी हासिल किये बिना नहीं कर सकते।
अपनी ही जमीन के लिए “बापू”
काट रहे थाने के चक्कर
विश्वसनीय सूत्रों से मिली
जानकारी के अनुसार प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1958 (यथा
संशोधित) के खंड 30 (अ) के तहत किले की दीवार से सटे प्रतिबंधित क्षेत्र में
निर्माण कार्य करने पर 2 वर्ष का कारावास या एक लाख रुपयों तक का जुर्माना या
दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान हैं। बहरहाल चंद्रपुर के पुरातत्व विभाग ने “बापू”
अर्थात मोहमंद हुसेन अंसारी की मालकियत की जमीन पर चल रहे कंपाउंड के निर्माण कार्य
को अवैध करार देते हुए 22 फरवरी 2023 को उन्हें नोटिस थमा दिया। साथ ही अधिनियम के
खंड 19 (1) तथा संशोधित अधिनियम 2010 के 30 (अ) के अनुसार “बापू” के खिलाफ सिटी
पुलिस थाने में शिकायत देते हुए अपराध दर्ज करने व उचित कानूनी कार्रवाई करने की
मांग की है।
सांसद बालू धानोरकर के
करीबी हैं “बापू”
“बापू” को कांग्रेस के स्थानीय
सांसद बालू धानोरकर के करीबी माने जाते हैं। क्योंकि गत वर्ग रहमत नगर, बिलाल नगर
समेत किले से सटे इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया था तो “बापू” अर्थात मोहमंद हुसेन
अंसारी सांसद धानोरकर के दौरे में उनके साथ देखे गये। इसकी तस्वीरें भी “बापू” ने
24 जुलाई 2022 को सोशल मीडिया पर वायरल की थी। परंतु हैरत की बात है कि भाजपा शासन
काल में चंद्रपुर किले से सटे जटपुरा गेट मार्ग पर शामाप्रसाद मुखर्जी वाचनालय का
निर्माण कार्य सरकारी निधि से किया गया, इसके बावजूद कांग्रेस के तमाम नेता चुप्पी
साधे बैठे रहे। अब जब कांग्रेस के बापू पर पुरातत्व विभाग का संकट गहराया हुआ है,
तब सांसद बालू धानोरकर की भूमिका “बापू” के पक्ष में दिखाई नहीं पड़ रही है।
अल्पसंख्यक सेल भी “बापू”
के लिए नदारद !
कांग्रेस के अल्पसंख्यक सेल
के अनेक आयोजनों में “बापू” को देखा गया। यहां तक उनकी नजदिकियां कांग्रेस
अल्पसंख्यक सेल के जिलाध्यक्ष सोहेल रजा शेख से सार्वजनिक तौर पर देखा गया है। “बापू”
स्वयं अल्पसंख्यक सेल के जिला उपाध्यक्ष हैं। अब जब “बापू” पर पुरातत्व विभाग और
पुलिस कार्रवाई का संकट मंडरा रहा है तो कांग्रेस के आला नेताओं के अलावा अल्पसंख्यक
सेल तथा सोहेल रजा शेख भी पुरातत्व विभाग व पुलिस कार्रवाई के विरोध में केंद्र
सरकार के कानूनों में बदलाव के लिए कोई आवाज बुलंद करते हुए दिखाई नहीं दिये।
हालांकि यह भी सच है कि “बापू” पर अब तक अपराध दर्ज की कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी
नहीं हुई है।