■ SDM बोले – “मुझे
इंस्ट्रक्शन, नाम नहीं बताऊंगा रेत तस्कर का !”
■ घुग्घुस कांग्रेस पूर्व
शहराध्यक्ष जावेद सिद्दीकी समेत शामकांत थेरे का नाम उछला
■ जब्त कार्रवाई के 6 दिन
बाद भी प्रशासन ढिला : न FIR, न जुर्माना
@चंद्रपुर
घुग्घुस कांग्रेस के
पूर्व शहराध्यक्ष जावेद आलम सिद्दीकी ने बीते माह अखबारों के माध्यम से नकोड़ा घाट
का अवैध रेत उत्खनन बंद करने की मांग करते हुए राजस्व विभाग को घेरा और प्रशासन की
निरंकुशता पर अनेक संगीन सवाल उठाये। काफी हो-हल्ला मचाया था। लेकिन रेत घाटों की नीलामी में इन्हीं महोदय
ने घाट खरीदा और गत 30 जनवरी 2023 को चंद्रपुर के उपविभागीय अधिकारी एम.
मुरुगानंथम की कार्रवाई में निशाना बन गये। रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन करते हुए
SDM की टीम ने एक जेसीबी, एक पोकलेन मशीन व करीब 40 ब्रास रेत जब्त किया। कहा जा रहा है कि उक्त
कार्रवाई के मुख्य आरोपी जावेद सिद्दीकी की राजनीतिक पहुंच और प्रशासन से साठगांठ
के चलते बीते 6 दिनों में राजस्व विभाग की ओर से उनके खिलाफ न तो अपराध दर्ज किया
गया और न ही जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा सकीं। हैरत की बात तो यह है कि इस
प्रकरण में स्वयं SDM एम. मुरुगानंथम ने बताया कि उन्हें इंस्ट्रक्शन मिले है कि
वे इस प्रकरण के आरोपी का नाम और जुर्माने की कार्रवाई मीडिया को न दें। जबकि 30
जनवरी की कार्रवाई का प्रेसनोट राजस्व विभाग ने ही अधूरी जानकारी के साथ जारी किया था।
इसके चलते प्रशासन की कार्रवाई व लेटलतीफी को लेकर संदेह निर्माण हो रहा है।
जब्त वाहन मालिक का नाम
उजागर न करने के मिले इंस्ट्रक्शन
घुग्घुस शहर से सटे
वर्धा नदी तट पर रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन के खिलाफ कार्रवाई की गई। जेसीबी व
पोकलेन जब्त किया गया। परंतु हमें संबंधितों के खिलाफ जुर्माना तय करने के लिए
सुनवाई बैठक लेकर ही फैसला करना है। जब्त वाहन मालिकों का नाम हम दे नहीं सकते। इस
प्रकरण की सुनवाई आगामी सप्ताह में होगी। हम केवल कार्रवाई की जानकारी दे सकते,
लेकिन संबंधित व्यक्ति का नाम व जुर्माने की जानकारी उजागर नहीं कर सकते। यह
जानकारी मीडिया न दें, ऐसे मुझे इंस्ट्रक्शन मिले हैं। भले ही अब तक संबंधितों के
खिलाफ हमने अपराध दर्ज नहीं किया है, लेकिन जब्त वाहनों को घुग्घुस पुलिस स्टेशन
में जमा कराने की सूचना वाहन मालिकों व पुलिस अफसरों को दी गई हैं। मुझे सूचना
मिली है कि दोषी व्यक्ति का नाम खराब (बदनामी) न करें। साथ ही उनकी सुनवाई लेेने
के बाद तय जुर्माने की जानकारी हमें मीडिया को देना है या नहीं देना है, यह बाद
में तय किया जाएगा। फाइन कितना लगाया गया है, यह बताने के लिए भी मनाही है। हमने
कार्रवाई की है, बस इतना ही मीडिया को बताना है। इसमें राजनीतिक दबाव व सहभागिता
नहीं है। विकासात्मक काम के बारे में मैं जानकारी साझा कर सकता हूं। संपूर्ण
जानकारी देने की जिम्मेदारी जिला दंडाधिकारी की है।
- एम. मुरुगानंथम, उपविभागीय
अधिकारी, चंद्रपुर
दिखावेबाज : नेता सिद्दीकी
पर गिरी कार्रवाई की गाज
बीते दिनों अखबारों में
से नकोड़ा रेत घाट का अवैध उत्खनन का मामला उठाते हुए राजस्व विभाग की निरंकुशता पर
सवाल उपस्थित करने वाले तत्कालीन घुग्घुस शहर कांग्रेस के अध्यक्ष जावेद सिद्दीकी खुद
ही रेत तस्करी के मामले में फंस गये। 31 जनवरी 2023 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के
अनुसार वर्धा नदी के नकोड़ा रेत घाट पर SDM की टीम ने कार्रवाई करते हुए वेकोलि के
सर्वे नंबर 56 में रखी जेसीबी, एक पोकलेन मशीन व करीब 40 ब्रास रेत को जब्त किया।
इस समय नदी में एक वॉटरबोट से रेत उत्खनन व परिवहन किये जाने का मामला भी उजागर
हुआ। 2 माह पूर्व ही इस घाट की 91 लाख रुपयों में नीलामी हुई थी। स्वयं जावेद
सिद्दीकी ने इस घाट को खरीदा था। लेकिन अवैध रेत मामले में चिल्लाने वाले
दिखावेबाज सिद्दीकी खुद ही राजस्व विभाग की कार्रवाई का शिकार बन गये।
2 माह में ही तय से
अधिक रेत उत्खनन
राजस्व विभाग के तहत
आने वाले खनन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नकोड़ा रेत घाट की नीलामी में जावेद
सिद्दीकी को 3887 ब्रास रेत उत्खनन व परिवहन का ठेका आवंटित किया गया था। इसे 30
सितंबर 2023 तक उत्खनन करना था। लेकिन महज 2 माह में ही तय से अधिक रेत का उत्खनन
किया गया। इसके चलते राजस्व विभाग के कार्रवाई का शिकार सिद्दीकी को होना पड़ा।
पर्यावरण व ठेका संबंधित अधिकांश नियमों का यहां उल्लंघन किये जाने की जानकारी है।शामकांत थेरे का वाहन
लिप्त होने की चर्चा
SDM एम. मुरुगानंथम की
टीम की ओर से की गई कार्रवाई के दौरान जब्त किये गये वाहन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
व ठेकेदार शामकांत थेरे द्वारा किराये पर लेकर इस अवैध रेत उत्खनन व परिवहन को
अंजाम दिये जाने की चर्चा है। राजस्व विभाग की ओर से कार्रवाई की विस्तृत जानकारी
गुप्त रखे जाने के कारण कांग्रेस तहसील अध्यक्ष शामकांत थेरे एवं वैभव कुत्तरमारे
के अलावा अन्य ठेका पार्टनर की सहभागिता पर मोहर नहीं लग पायी है। एक टीपी पर दो
से तीन फेरियां लगाने की जानकारी है। नदी में वॉटर बोट के माध्यम से रेत उत्खनन
करने की भी जानकारी है। तय से अधिक रेत उत्खनन किये जाने की सूचना व शिकायतें
प्रशासन को मिलने की बात कही जा रही है। तय स्थल के अलावा दूसरे स्थल पर भी उत्खनन
किये जाने की विश्वसनीय जानकारी मिली है।
अपराध किया है तो FIR
में देरी क्यों ?
राजस्व विभाग के SDM एम.
मुरुगानंथम की टीम की ओर से घुग्घुस के नकोड़ा रेत घाट पर की गई बड़ी कार्रवाई और
जब्त किये गये वाहनों से यह स्पष्ट जाहिर होता है कि इस घाट पर तय नियमों का
उल्लंघन किया गया। रेत उत्खनन व परिवहन संबंधित अपराध किया गया। जब राजस्व विभाग
की ओर से संबंधितों के वाहन जब्त कर कार्रवाई की जा चुकी हैं तो उनके खिलाफ बीते 6
दिनों में जिले के किसी भी थाने में अपराध दर्ज क्यों नहीं किया जा चुका है।
राजस्व विभाग की ऐसी क्या मजबूरी है कि वे अपराध दर्ज नहीं कर पा रहे है ? SDM
स्वयं आरोपियों का नाम बताने से बच रहे है। उनकी क्या मजबूरियां हो सकती है ? जब
वाहन और रेत संग्रह जब्त किया जा चुका है तो सुनवाई के नाम पर जुर्माने की
कार्रवाई में विलंब क्यों किया जा रहा है ? ऐसे अनगिनत सवाल राजस्व विभाग की नीति
और कार्यप्रणाली पर संदेह निर्माण कर रही है।