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CDCC की जांच करवाने में सांसद-विधायक धानोरकर दंपति फिसड्‌डी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले आश्वासन पर खूब बटोरी थी प्रसिद्धी

आश्वासन की सफलता 8 माह में हो गई हवा-हवाई

सोनिया गांधी से की शिकायत भी चली गई डस्टबीन में

@चंद्रपुर
गत 23 मार्च 2022 के दौरान जिले के कांग्रेस सांसद बालू उर्फ सुरेश धानोरकर ने चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक CDCC में चल रही आर्थिक अनियमितता और नौकर भर्ती के मामले में CBI जांच की मांग लोकसभा में उठाई। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वासन हासिल किया। वहीं वरोरा विधायक प्रतिभा धानोरकर ने भी इस मुद्दे को महाराष्ट्र के विधानसभा में उठाकर जांच की मांग की। इन मांगों को लेकर धानोरकर दंपति ने मीडिया में खबरें प्रकाशित कर खूब प्रसिद्धी बटोरी थी। लेकिन 8 माह में ही धानोरकर दंपति की CDCC जांच करवाने की मांग फिसड्‌डी साबित हो गई है। उनके इस हवा-हवाई मांग को लेकर अब अनेक सवाल उठने लगे हैं। विधायक दल को लेकर गत 4 अप्रैल 2020 को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से की गई शिकायत भी डस्टबीन में चली गई। अब तो CDCC बैंक की पद भर्ती से स्थगनादेश भी उठ चुका है। परंतु अब तक धानोरकर दंपति की ओर से इस मसले पर अधिकृत कोई बयान मीडिया में नहीं दिया जा सका। उनकी यह विफलता आगामी चुनावों में उनके गले की हड्‌डी बन सकती है।

सांसद धानोरकर ने क्या किया था दावा ?

कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर ने CDCC बैंक में आर्थिक अनियमितता होने और नौकर भर्ती में गड़बड़ी किये जाने की मांग लोकसभा में उठाई थी। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस प्रकरण में CBI जांच करवाने का आश्वासन प्राप्त किया था। वहीं मीडिया में इससे संबंधित खबरें प्रकाशित करते हुए इसे एक बड़ी सफलता बताकर वाहवाही लूटी थी। लेकिन यही वाहवाही अब उनके फिसड्‌डी होने का प्रमाण बन चुकी है। 

क्या आरोप लगाया था धानोरकर ने ?

CDCC बैंक के लिए 165 पदों की नौकर भर्ती को राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी। इसके पूर्व 2 नौकर भर्ती प्रकरण काफी विवादित थे। बैंक के संचालक मंडल का कार्यकाल पूर्ण होने, अनेक आर्थिक घोटाले होने के चलते भर्ती को स्थगित कर घोटालों की CBI जांच कराने पर जोर दिया था। 

अब दर्ज F.I.R. पर चुप्पी क्यों ?

सांसद धानोरकर ने कहा था कि बैंक के मुख्याधिकारी पर इसके पूर्व ही बैंक के घोटालों के प्रकरण में 2 फौजदारी के मामले दर्ज हैं। ऐसे व्यक्ति को महाप्रबंधक नहीं बनाने का निर्देश रिजर्व बैंक, नाबार्ड, सहकार विभाग का है। किंतु इस ओर ध्यान नहीं देते हुए बैंक के वर्तमान संचालक मंडल ने उनकी अवधि बढ़ा दी है। इस संबंध में की गई शिकायतों पर संचालक मंडल ध्यान नहीं दे रहा है। इसलिए इस बैंक के गड़बड़ियों की जांच होनी चाहिये। परंतु बीते 8 माह में सांसद धानोरकर ने इस एफआईआर के हवाले से CDCC बैंक के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किया, यह हैरत की बात है। 

सितंबर में की गई प्रतिभा धानोरकर की मांग का क्या हुआ ?

14 सितंबर 2022 को सांसद बालू धानोरकर एवं विधायक प्रतिभा धानोरकर ने राज्य के सहकार मंत्री अतुल सावे से मुलाकात कर प्रशासक नियुक्ति के कानून के बदलाव करने की मांग पूरजोर ढ़ंग से रखी। इस समय भी CDCC बैंक की गड़बड़ियों का पाढ़ा पढ़ा गया। लेकिन ढांक के तीन पात की तरह ही, इस प्रकरण में भी कुछ हासिल नहीं हो पाया। नाकामी का यह सिलसिला लगातार जारी दिख रहा है। मंत्री साले से हुई मुलाकात के बाद CDCC बैंक के कामकाज में क्या बदलाव आया, इसकी जानकारी धानोरकर दंपति की ओर से आज तक मीडिया में सार्वजनिक नहीं की जा सकीं। 

स्थगन से समाधानी हुए धानोरकर अब क्या करेंगे ?

सांसद बालू धानोरकर की मांग को देखते हुए राज्य सरकार के सहकार विभाग ने 12 मई 2022 को CDCC बैंक के पद भर्ती को स्थगिती दी थी। अब सरकार ने स्थगनादेश हटा दिया। इधर, CDCC बैंक के अध्यक्ष संतोष रावन ने फिरकी लेते हुए बयान दिया है कि बिना कारण राजनीति कर बैंक को परेशानी में लाया गया। अब राज्य सरकार ने भर्ती के संबंध में जनहित को देखते हुए निर्णय लिया है। अब जब CDCC बैंक के पद भर्ती का स्थगनादेश हट गया है तो धानोरकर दंपति की हार वे अपने जीत में कैसे बदल पाएंगे, यह सवाल राजनीतिक खेमे में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

अप्रैल में सहकार प्रबंधक को धमकाने पर सांसद धानोरकर पर ही दर्ज हुआ था अपराध

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एवं नवभारत अखबार में प्रकाशित हुई खबर के तहत यह जानकारी मिली है कि 19 अप्रैल 2022 को कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर भद्रावती के विविध कार्यकारी सहकारी संस्था में पहुंचे। वहां उन्होंने प्रबंधक गोविंद ठाकरे से संपर्क कर उन्हें सहकारी संस्था में तलब किया। सहकार चुनाव से संबंधित कागजात की मांग की। नियमों का हवाला देते हुए जब ठाकरे कागजात देने से इंकार कर गये तो सांसद महोदय का पारा चढ़ गया और उन्होंने ठाकरे को धमकाया। धानोरकर के कार्यकर्ताओं ने ठाकरे के साथ धक्कामुक्की की। इस प्रकरण में सांसद धानोरकर के खिलाफ असंज्ञेय अपराध पुलिस ने दर्ज किया था।   

सांसद धानोरकर की शिकायत कांग्रेस के डस्टबीन में

कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर ने 4 अप्रैल 2020 को नई दिल्ली के 24 अकबर रोड के कांग्रेस मुख्यालय में विधायक प्रतिभा धानोरकर, विधायक सुभाष धोटे समेत अन्य अनेक नेताओं व विधायकों के दल के साथ पहुंचकर तत्कालीन पालकमंत्री हटाओ अभियान का आगाज किया था। बीते ढ़ाई वर्ष में कांग्रेस नेता विजय वडेट्‌टीवार के खिलाफ की शिकायत पर इन्हें कोई सफलता नहीं मिली। पूर्व पालकमंत्री विजय वडेट्‌टीवार हटाये नहीं जा सकें। लेकिन उद्धव ठाकरे व एकनाथ शिंदे के खिंचतान में महाराष्ट्र सरकार गिर गई। दिल्ली से हुई देरी के चलते बालू धानोरकर की साख पर सवाल उठे। कुल मिलाकर कांग्रेस का अंदरुनी कलह राहुल गांधी के नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो में भी दिखाई दिया। यहां न तो नफरत छोड़ी गई। जिले के कांग्रेसियों का यह खोखला नारा अब आम जनता के लिए भी चर्चा का विषय बना हुआ है। 

अब CBI जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी नहीं

CBI का अभी राज्य सरकार ने चार्ज दिया है। स्टेट गवर्नमेंट ने अब तक उसको रोक रखा था कि बिना अनुमति के आप डायरेक्ट इंट्री नहीं कर सकते। CBI जिस भी राज्य में जांच करती है, उससे पहले उसे राज्य सरकार की अनुमति लेना होता है। अक्तूबर माह में राज्य सरकार ने CBI सीधी जांच करने संबंधित अनुमति दी है। अब वे राज्य सरकार के बिना अनुमति के ही किसी भी मामले की जांच कर सकते हैं।
- बालू धानोरकर, कांग्रेस सांसद, चंद्रपुर-वणी-आर्णी लोकसभा क्षेत्र, चंद्रपुर