■ पूर्व पालकमंत्री वडेट्टीवार
व कलेक्टर गुल्हाने की योजना फ्लाॅप
■ समस्यामुक्त गांव
अभियान : अब जिला प्रशासन बन गया अनजान
■ गांधी जयंती पर अहिंसावादी
दिखने की कांग्रेसवादियों की नाकाम कोशिशें
@ चंद्रपुर
राष्ट्रपिता महात्मा
गांधी के नाम पर दिखावा करने और योजनाएं चलाने वाले अधिकांश लोग उद्घाटनों के बाद
उन योजनाओं का क्या हश्र हुआ, इसकी पड़ताल करने की सुध भी नहीं लेते। उल्लेखनीय है
कि गत वर्ष 2 अक्तूबर 2021 को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में तत्कालीन पालकमंत्री व
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने जिला प्रशासन के आला अफसरों के माध्यम
से सावली तहसील के पालेबारसा में समस्यामुक्त गांव अभियान का शुभारंभ किया। लेकिन इस
एक दिन के आयोजन के बाद यह अभियान ठप पड़ गया है। इसके बाद न तो यह अभियान चला और न
ही महात्मा गांधी के नाम पर शुरू किए गए इस अभियान का समापन किया गया। बुरी तरह से
इस अभियान को फ्लाप कराने वाले कांग्रेसी नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता व अफसरों को
आज अचानक एक वर्ष बाद पुन: एक बार राष्ट्रपिता की याद सताने लगी। पदयात्रा और
जयंती शुरू की गई। कल से दोबारा गांधी का मिशन वर्ष भर के लिए दफन करने की नीति को
लेकर अब जनता उठाने लगी है।
गांधी जयंती के नाम पर राजनीति चमकाने का प्रयास
गत वर्ष गांधी जयंती पर सावली तहसील के पालेबारसा में पूर्व पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार व कलेक्टर अजय गुल्हाने तथा एसपी अरविंद सालवे की मौजूदगी में जिले के तमाम पत्रकारों के समक्ष समस्यामुक्त गांव अभियान का शुभारंभ कर खुब तारीफें बटोरी गई। लेकिन जिले के किसी भी पत्रकार ने इस अभियान का बाद के दिनों में क्या हुआ, यह जानने की कोशिश नहीं है। केवल एक दिन के कार्यक्रम को अभियान का नाम देकर अपनी राजनीति चमकाने वाले कांग्रेसियों को महात्मा गांधी के नाम का इस तरह से दुरुपयोग किया जाना, बेहद चौंकाने वाला है। क्योंकि इस अभियान के शुभारंभ के बाद न तो अन्य किसी गांव में समस्यामुक्त गांव अभियान को चलाया गया और न ही इस अभियान का कहीं समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
वडेट्टीवार मानते हैं कि गांवों का विकास नहीं हुआ
अभियान का उद्देश्य क्या था ?
महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में बीते वर्ष 2 अक्तूबर 2021 को समस्यामुक्त गांव अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था कि गांवों के नागरिकों के द्वार पर प्रशासन पहुंचे और जनता की समस्याओं को प्राप्त कर तत्काल उसका निराकरण करें।
फ्लॉप अभियान में कौन-कौन थे शामिल ?
किये थे बड़े-बड़े वादें
कितनी महिलाओं को रोजगार मिला ?
1200 महिलाओं को रोजगार देने का दावा किय गया था, परंतु अब तक कितनों को रोजगार मिला, यह सवाल पूछने वाला कोई नजर नहीं आता। आगामी 2 वर्ष में 10,000 किसानों को दूध उत्पादक बनाने की घोषणा की गई थी। परंतु 10,000 किसानों में से कितनों को क्या-क्या लाभ दिया गया, इसका हिसाब-किताब देने के लिए प्रशासन तैयार नहीं है। सिंचाई के लिए 106 करोड़ रुपये देने का भी दावा किया गया, किंतु करोड़ों की राशि से कितने एकड़ भूमि को अतिरिक्त सिंचाई का लाभ मिला, इस पर वडेट्टीवार ने अब तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
साल भर बाद याद आये गांधी ?
अहिंसावादी कांग्रेसियों की हिंसा भी चर्चा में
निवासी जिलाधिकारी, तहसीलदार को पता ही नहीं अभियान
जब हमने गत वर्ष शुभारंभ किये गये समस्यामुक्त गांव अभियान की वर्तमान स्थिति व समापन समारंभ की जानकारी पता करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर निवासी जिलाधिकारी मनोहर गव्हाल से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे यहां नये हैं। उन्हें इस अभियान की कोई जानकारी नहीं है। वे कलेक्टर अजय गुल्हाने एवं संबंधित विभाग के तहसीलदार से पूछताछ कर हमें जवाब देंगे। लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई ठोस जवाब नहीं आ पाया है। इस संदर्भ में जब हमने सामान्य प्रशासन विभाग के तहसीलदार वी. डी. धाईत से बात की तो उन्होंने इस कार्यक्रम को ही राजनीतिक आयोजन बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसके पश्चात हमने सावली के तहसीलदार परीक्षित पाटील से बात की तो उन्होंने बताया कि यह अभियान जिला प्रशासन व पूर्व पालकमंत्री की संकल्पना से शुभारंभ किया गया। शुभारंभ के समय आस-पास के 8 गांवों के नागरिकों को बुलाया गया था। इसके बाद इस अभियान का दूसरा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। जिले में कहीं किसी गांव में आयोजन को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है।