■ न संगठन बढ़ा, न नेता
बढ़े, 2 पार्षदों पर अटक गई मनसे
■ 100 करोड़ की धोखाधड़ी मामले
में मनसे के गुंडों से डर ?
■ भरत गुप्ता व प्रतिमा
ठाकुर के कथित दागदार दामन पर राज ठाकरे की चुप्पी
@ चंद्रपुर
महाराष्ट्र नवनिर्माण
सेना की स्थापना राज ठाकरे ने 9 मार्च 2006 में की गई। लेकिन बीते 16 सालों में
चंद्रपुर जिले में मनसे के नेताओं ने कोई खास कमाल नहीं कर पाएं। राज ठाकरे की जाहिर
सभा आयोजित करने तक की क्षमता जिले के तमाम नेतागण नहीं जुटा पाएं। वहीं राजनीतिक
सफलता की बात की जाएं तो चंद्रपुर महानगर पालिका में 2 पार्षदों के अलावा अन्य तमाम
तरह के सीटों पर मनसे का कोई जादू नहीं चल पाया। न संगठन को मजबूत कर पाएं और न ही
नेताओं की संख्या बढ़ी। वहीं संगठन के भितर 3 गुटों के नेतागण आपस में गुटबाजी करते
नजर आते हैं। ऐसे में 19 सितंबर 2022 की शाम कलकाम रिअल इन्फा (इ) लि के निवेशकों
ने मनसे के गुंडों से जान का खतरा होने की बात पत्रकार परिषद में कही है। इस समय
मनसे नेता भरत गुप्ता व प्रतिमा ठाकुर पर अनेक आरोप लगाते हुए राज ठाकरे से
हस्तक्षेप उचित कार्रवाई करने की मांग पीड़ितों ने की है।
100 करोड़ की धोखाधड़ी
में मनसे के गुंडे ?
चंद्रपुर समेत विदर्भ
के गड़चिरोली, यवतमाल व नागपुर निवासी हजारों निवेशकों ने करीब 100 करोड़ से अधिक
रकम का निवेश कलकाम रिअल इन्फा (इ) लि. में किया। इसके संचालकों ने धोखाधड़ी की। इन
संचालकों को मनसे के गुंडों का संरक्षण होने का आरोप पीड़ित निवेशकों ने लगाया है।
इस समय लिखित शिकायत में पीड़ित निवेशक रत्नमाला चहारे समेत अनेक महिलाओं ने मनसे नेता
भरत गुप्ता व प्रतिमा ठाकुर का नाम लेते हुए निवेशकों को उनके हक की राशि लौटाने
में रोड़ा पैदा करने की बात कही है।
मनसे के गुंडों से जान
का खतरा !
चंद्रपुर के दौरे पर
आये राज ठाकरे के आगमन को लेकर एक ओर जहां मनसे पदाधिकारी व कार्यकर्ता जश्न में
डूबे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर मनसे के नेताओं को गुंडा बताते हुए उनकी ओर से जान का
खतरा होने का आरोप कलकाम के पीड़ित निवेशकों ने लगाया है। यहां आयोजित एक पत्रकार
परिषद में भरत गुप्ता व प्रतिमा ठाकुर का नाम लेते हुए पीड़ित निवेशकों ने राज
ठाकरे की ओर से उचित दखल लेकर योग्य कार्रवाई करने की मांग की है।
पार्षद सचिन भोयर ने की
अनदेखी
पीड़ित निवेशकों का आरोप
है कि मनसे के भरत गुप्ता व प्रतिमा ठाकुर ने वर्ष 2017 से कलकाम कंपनी के संचालकों
का बचाव कर रहे हैं। इसके चलते निवेशकों के पैसे नहीं लौटाये जा रहे हैं। इस
संदर्भ में मनसे नेता बाला नांदगावकर, अविनाश जाधव, संजय जाधव, नंदू घाडी, रिटा
गुप्ता से शिकायत की जा चुकी है। चंद्रपुर के मनसे संपर्क अध्यक्ष व पार्षद सचिन
भोयर को इस मामले की जांच करने के निर्देश मिले थे। परंतु उन्होंने जानबूझकर
अनदेखी करने का आरोप शिकायतकर्ता रत्नमाला चहारे ने लगाया है।
MPID के तहत अपराध
दर्ज, मुख्य आरोपी गिरफ्त से बाहर
कलकाम के निवेशकों ने
जिला पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। इसके बाद कंपनी के संचालक व अधिकारी पर एमपीआईडी
कानून के तहत अपराध दर्ज किया गया। कंपनी के एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। परंतु
अन्य संचालकों व मुख्य आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। भरत गुप्ता व
प्रतिमा ठाकुर के खिलाफ निवेशकों का साथ देने वाले मनसे नेता राजू कुकडे अचानक से
बैकफुट पर आ गए, इसके पीछे के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
10,000 निवेशकों पर
मनसे का अन्याय
मनसे नेता भरत गुप्ता व
प्रतिमा ठाकुर को पार्षद सचिन भोयर का संरक्षण होने तथा इनका कलकाम के संचालकों को
संरक्षण होने के कारण पीड़ित 10,000 निवेशकों को उनके निवेश की राशि नहीं मिल पा
रही है। सपना टॉकिज परिसर के कलकाम कंपनी कार्यालय को ताला लटका हुआ है। जिले के
निवेशकों ने कंपनी के विष्णू पाडुरंग दलवी, विजय सुपेकर, सुनील चांदे, अनिल पासवान,
महमद इदरीस, विजय वासूदेव येरगुडे, विदेश प्रभाकर रामटेके, किसन मोतीराम पेंदोर
तथा इन्हें साथ देने वाले भरत गुप्ता व प्रतिमा ठाकुर के खिलाफ एमपीआईडी कानून के
तहत अपराध दर्ज करने की मांग की है। राज ठाकरे से यह गुहार पीड़ित निवेशक रत्नमाला
चहारे के अलावा मंगला लोणारे, विनोद काले, मुरलीधर गिरडकर, छत्रपाल निशा, पदमनी
शिरडे, संगीता बोरडवार, रत्नमाला गायकवाड, गणपत तुमाने, पायल तेलंग, सचीन नाकाडे
अशोक गायकवाड, राजेश बिजवे आदि ने लगाई है।
राज ठाकरे से मैं भेंट
करा दूंगी !
कलकाम से संबंधित लग
रहे आरोपों पर हम इसके पूर्व पत्र परिषद ले चुके हैं। जब-जब मनसे के पदाधिकारी आते
हैं, तब-तब इन्हें कलकाम याद आता है। हमको आज तक यह समझ नहीं अाया कि कलकाम को
शिकायतकर्ता मनसे की कंपनी क्यों समझ रहे हैं ? शहर में और भी राजनीतिक दल व
पदाधिकारी हैं, उन्हें कलकाम से क्यों जोड़ा नहीं गया, हमें ही क्यों निशाना बनाया
जा रहा है। प्रतिमा ठाकुर, भरत गुप्ता के अलावा अब सचिन भोयर का नाम भी जोड़ा गया।
इन्हें मनसे में रुचि हैं, इन्हें बदनामी करने में रुचि हैं, या इन्हें अपना फंसा
हुआ पैसा कंपनी से निकलावे में रुचि है ? यह दुविधा दूर होनी चाहिये। यदि पीड़ितों
को लगता होगा कि राज ठाकरे से मिलकर यदि उनका पैसा मिल सकता है तो मैं स्वयं ही
उनसे भेंट कर दूंगी। शिकायतकर्ता खुद मुझसे संपर्क करें।
- प्रतिमा ठाकुर, शहर
अध्यक्ष, मनसे चंद्रपुर