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समलैंगिक समुदाय विधायक मुनगंटीवार के भाषण से क्यों हुआ खफा ?

@चंद्रपुर

भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार द्वारा विधानसभा सदन में दिया गया भाषण समलैंगिक अल्पसंख्यक समुदाय को आहत कर गया। उनका भाषण अपमानजनक होने का दावा करते हुए समलैंगिक समुदाय ने मुनगंटीवार का तीव्र निषेध किया है। साथ ही उन्हें अशिक्षित बताते हुए यह भाषण मानवीय अधिकार का उल्लंघन करार दिया है। इस संदर्भ में वंचित बहुजन आघाडी की प्रदेशाध्यक्ष रेखा ठाकुर ने सुधीर मुनगंटीवार द्वारा समलैंगिक समुदाय से जाहिर माफी मांगने की मांग की है। इधर, मुनगंटीवार ने एक वीडियो जारी कर अपने बयान का खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय सुधार विधेयक के संदर्भ में अधिवेशन में दिये गये बयान को अपमानकारक होने से इंकार करते हुए इस विधेयक की स्पष्टता के लिये वक्तव्य करने की बात कही है। 

मुनगंटीवार का बयान - भेदभाव को बढ़ावा

उल्लेखनीय है कि वंचित बहुजन आघाडी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गत 29 दिसंबर को राज्य के विधानसभा सदन में भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने राज्य सरकार की ओर से पेश किये गये विश्वविद्यालय विधेयक के चर्चा के दौरान समलैंगिक अल्पसंख्यक समुदाय के सदंर्भ में आपत्तिजनक बातें कही। इससे समुदाय के संवैधानिक व मानवीय अधिकार का हनन हुआ है। उनका यह बयान सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा देता है। समलैंगिक समुदाय के सामाजिक सुरक्षितता को चोंट पहुंचाता है। 

 

अज्ञान मूलक व असंवेदनशील भाषा

वंचित बहुजन आघाडी का कहना है कि विधायक मुनगंटीवार का बयान भाषा अज्ञान मूलक, असंवेदनशील व पुरुष वर्चस्वता को दर्शाती है। इस विधेयका द्वारा समलैंगिक समुदाय को नागरिक के तौर पर दिये जा रहे समान अवसर को नकारने का बयान है। मुनगंटीवार द्वारा उठाये गये सवाल व मुद्दे यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रणित तथा मनुस्मृती की व्यवस्था में लिंगभेद आधारित विषमता का समर्थन करती है। 


जाहिर माफी मांगने की मांग

वंचित बहुजन आघाडी हमेशा से ही लिंग, जाति, धर्म आधारित भेदभाव व विषमता को निरंतर विरोध करते आयी है। इसलिये विधायक मुनगंटीवार के समलैंगिक समुदाय के विषय में दिये गये बयान का वे तीव्र निषेध करते हैं। उनके द्वारा जाहिर माफी मांगने की मांग संगठन ने की है।

विधेयक में शामिल शब्दों का किया प्रयोग

विधानसभा में विश्वविद्यालय सुधार का एक विधेयक पेश किया गया। यह विधेयक अगले अधिवेशन में लेने का आग्रह मैंने किया। मंत्री आदित्य ठाकरे व अजित पवार से बिनती की कि राज्य के 3 करोड़ विद्यार्थियों व 23 विश्वविद्यालयों पर इस विधेयक का असर होना है तो इस पर चर्चा होनी चाहिये। इस चर्चा के लिये इसी विधेयक में शामिल शब्दों का मैंने उपयोग किया है। कोई अधिकारों से वंचित हो, यह उद्देश्य नहीं था। जो बयान दिया गया वह विधेयक की संदिग्धता दूर कर उसे स्पष्टता देने के लिये था। सभी को परिपूर्ण न्याय देने के लिये चर्चा की गई।

-सुधीर मुनगंटीवार, विधायक, भाजपा